लिव इन रिलेशन भारतीय समाज के लिए खतरनाक एटम बम

लिव-इन रिलेशनशिप : आधुनिक समाज की चुनौती और नाजायज औलादों की समस्या बनी भारत में एक नई मुसीबत।

नागराम टाइम्स ब्यूरो

आज के आधुनिक युग में लिव-इन रिलेशनशिप एक ऐसा विषय बन गया है, जो सामाजिक, कानूनी और नैतिक विमर्श का केन्द्र बन चुका है। यह एक ऐसा संबंध है, जहां दो लोग बिना शादी के एक साथ रहते हैं, और इस परंपरा का प्रचलन विभिन्न देशों में अलग-अलग प्रकार से देखा जाता है। विशेषकर पश्चिमी देशों में, जहां इसे न केवल सामाजिक मान्यता मिली है, बल्कि कानूनी रूप से भी स्वीकार किया गया है। लेकिन इसके साथ ही नाजायज औलादों की बढ़ती संख्या और पारिवारिक मूल्यों का क्षय एक गंभीर चिंता का विषय है। क्या लिव-इन रिलेशनशिप एक स्वतंत्रता है या यह हमारी पारिवारिक संरचना को कमजोर कर रहा है? इस लेख में हम विभिन्न देशों में लिव-इन रिलेशनशिप की स्थिति, नाजायज औलादों की समस्या, और इसके समाज पर प्रभाव की गहराई से पड़ताल करेंगे।

लिव-इन रिलेशनशिप की परंपरा : देशों की सूचीलिव-इन रिलेशनशिप की परंपरा विशेष रूप से पश्चिमी देशों में प्रचलित है, जैसे कि :

1. स्वीडन : स्वीडन को लिव-इन रिलेशनशिप के लिए सबसे प्रगतिशील देशों में से एक माना जाता है। यहाँ यह संबंध सामान्य माने जाते हैं और युवा वर्ग इसे प्राथमिकता देते हैं। यहाँ विवाह के बिना रहना एक सामान्य प्रथा बन चुकी है।

2. फ्रांस : फ्रांस में ‘पैक्ट सिविल डे सॉलिडैरिटी’ (PACS) नामक एक कानूनी व्यवस्था है, जो लिव-इन कपल्स को कुछ कानूनी अधिकार देती है। यह परंपरा खास तौर पर शहरी क्षेत्रों में आम हो चुकी है, और इसे सामाजिक मान्यता भी प्राप्त है।

3. नॉर्वे : नॉर्वे में भी लिव-इन रिलेशनशिप को सामान्य रूप से देखा जाता है। यहाँ के लोग विवाह से ज्यादा लिव-इन संबंधों को प्राथमिकता देने लगे हैं, खासकर युवा पीढ़ी।

4. नीदरलैंड्स : नीदरलैंड्स में लिव-इन रिलेशनशिप को बहुत हद तक कानूनी और सामाजिक मान्यता प्राप्त है। यहाँ विवाह और लिव-इन दोनों प्रकार के संबंधों को समान अधिकार प्राप्त हैं।

5. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) : अमेरिका में भी लिव-इन रिलेशनशिप आम है, खासकर शहरी क्षेत्रों में। कुछ राज्यों में इसे कानूनी रूप से भी मान्यता दी गई है, और युवा जोड़े अक्सर शादी से पहले इस प्रकार के संबंधों में रहते हैं।

6. कनाडा : कनाडा में भी लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी और सामाजिक मान्यता प्राप्त है। यहाँ लोग बिना शादी के साथ रहते हैं और इस पर कोई सामाजिक दबाव नहीं होता।

नाजायज बच्चों की स्थिति

विभिन्न देशों में नाजायज बच्चों की संख्या चिंताजनक है, विशेषकर :

  1. फ्रांस: यहाँ करीब 60% बच्चे शादी के बाहर पैदा होते हैं, जो कि एक बड़ा आंकड़ा है। यह इस बात का सूचक है कि शादी के बगैर संबंध बनाना यहाँ आम हो गया है।
  2. स्वीडन : स्वीडन में लगभग 55% बच्चे शादी के बाहर पैदा होते हैं। यहाँ लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कोई सामाजिक दबाव नहीं है, इसलिए शादी के बिना ही बच्चों का जन्म सामान्य है।
  3. नॉर्वे : नॉर्वे में भी लगभग 55% बच्चे बिना विवाह के पैदा होते हैं। यहाँ विवाह के बिना परिवार बनाना बहुत ही सामान्य है।
  4. आइसलैंड : आइसलैंड में यह प्रतिशत सबसे ज्यादा है, लगभग 70% बच्चे शादी के बाहर जन्म लेते हैं।
  5. ब्राज़ील : लैटिन अमेरिकी देशों में भी नाजायज बच्चों की संख्या ज्यादा है। ब्राज़ील और अर्जेंटीना जैसे देशों में यह स्थिति सामान्य है, और यहां सामाजिक मान्यता की कमी के बावजूद इस प्रकार के संबंध जारी रहते हैं।

नैतिकता और सामाजिक प्रभाव

लिव-इन रिलेशनशिप और नाजायज औलादों की बढ़ती संख्या से समाज में निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न होती हैं :

1. परिवारों का विघटन : अवैध संबंधों से पारिवारिक ढांचे में दरार आती है। जब बच्चे बिना वैवाहिक संबंध के पैदा होते हैं, तो उनके लिए एक स्थिर परिवार का माहौल बनाना मुश्किल हो जाता है।

2. अश्लीलता का प्रचार : ऐसे लोग जो बिना नैतिकता के अवैध संबंधों में लिप्त होते हैं, अक्सर समाज में अश्लीलता और अनैतिकता का प्रचार करते हैं। वे युवाओं को गलत दिशा में प्रेरित करते हैं और परिवारों के बीच तनाव उत्पन्न करते हैं।

3. सामाजिक अपराध : कई बार ऐसे लोग अन्य आपराधिक गतिविधियों, जैसे कि धोखाधड़ी, चोरी, या यौन शोषण में भी लिप्त पाए जाते हैं। इससे समाज में अशांति फैलती है।

4. विवाह और रिश्तों की अनदेखी : ऐसे संबंधों के चलते विवाह जैसी संस्था का सम्मान नहीं किया जाता, जिससे समाज में गलत उदाहरण पेश होता है। यह बच्चों के लिए भी हानिकारक है, क्योंकि वे यह सीखते हैं कि परिवार का कोई स्थायी ढांचा नहीं होता।

नाजायज संबंधों पर पाबंदी: कुछ देशों में कानून

कई देश ऐसे हैं जहाँ नाजायज संबंधों पर कड़े कानून बनाए गए हैं :

1. सऊदी अरब : सऊदी अरब में इस्लामी कानून के अनुसार, बिना विवाह के संबंध अवैध माने जाते हैं और इस पर सख्त सज़ा दी जाती है। यहाँ लिव-इन रिलेशनशिप पर पूरी तरह से पाबंदी है और अवैध संतान को समाज में कोई स्थान नहीं मिलता।

2. ईरान, इराक : ईरान और इराक में भी इस्लामी शरिया कानून लागू है, जहां नाजायज संबंधों पर कठोर सजा दी जाती है। यहाँ बिना विवाह के किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध को अपराध माना जाता है।

3. अफगानिस्तान : अफगानिस्तान में भी शरिया कानून के तहत नाजायज संबंध और लिव-इन रिलेशनशिप पर सख्त प्रतिबंध है। यहाँ अवैध संबंध रखने वाले लोगों को कठोर दंड दिया जाता है।

4. मालदीव : मालदीव एक मुस्लिम बहुसंख्यक देश है, जहां बिना विवाह के संबंध रखना अपराध है और इस पर सख्ती से पाबंदी लगाई गई है।

5. सूडान : सूडान में भी इस्लामी कानून लागू है, और नाजायज संबंधों पर कड़ी सजा दी जाती है। अवैध संतान को यहाँ कोई सामाजिक अधिकार नहीं मिलता।

लिव-इन रिलेशनशिप और नाजायज औलादों की समस्या हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम समाज में नैतिकता और पारिवारिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए कदम उठा सकते हैं। यह आवश्यक है कि समाज और सरकार मिलकर ऐसे कानून बनाएं जो नाजायज संबंधों को रोकने में सहायक हों और पारिवारिक संरचना को मजबूत करें।हमें इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और सही दिशा में कदम उठाना चाहिए ताकि हम एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें। इस दिशा में, समाज को अपने नैतिक मूल्यों को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ एक स्थिर और सकारात्मक पारिवारिक वातावरण में बड़े हो सकें।

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