मनु शर्मा की साहित्यिक विरासत का सम्मान: स्मृति व्याख्यान में साहित्य, सादगी और सेवा का हुआ गुणगान।

बाराबंकी। महाभारत के पात्रों की आत्मकथाओं के लेखन से प्रसिद्ध और पद्मश्री सम्मानित साहित्यकार स्व. मनु शर्मा की 96वीं जयंती पर गांधी भवन में “मनु शर्मा स्मृति व्याख्यान” का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में उनकी साहित्यिक यात्रा को सम्मान देते हुए, पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप और गांधीवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. विवेक सिंह वर्मा का 50वां जन्मदिवस भी विशेष रूप से मनाया गया। डॉ. वर्मा को उनके चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अभिनंदन पत्र, शॉल और मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया, जो उनके प्रति समाज की ओर से आभार का प्रतीक था। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजनाथ शर्मा ने कहा कि स्व. मनु शर्मा अपनी सरलता और सादगी के लिए हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे। उन्होंने आपातकाल के दौरान कई कालजयी कविताओं की रचना की, जो आज भी प्रेरणादायक बनी हुई हैं।

मुख्य अतिथि अरविंद कुमार सिंह गोप ने स्व. मनु शर्मा की साहित्यिक योगदानों को रेखांकित करते हुए कहा, “मनु शर्मा ने अपनी कलम से साहित्य की हर विधा में रचना की है। उनके लेखन ने पौराणिक कथाओं को आधुनिक संदर्भ दिए हैं, जो भारतीय साहित्य की धरोहर बन चुकी हैं। उनकी कृति ‘कृष्ण की आत्मकथा’ कालजयी मानी जाती है। समाजवादी सरकार के दौरान मुलायम सिंह यादव ने उन्हें यश भारती सम्मान से नवाजा, जो उनके प्रति सम्मान का प्रतीक है।

“गांधीवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने आगे कहा कि मनु शर्मा की साहित्यिक परंपरा को उनके बेटे हेमंत शर्मा ने अपनी लेखनी के माध्यम से आगे बढ़ाया है। हेमंत शर्मा के लेखन में भी मनु शर्मा के विचारों की झलक मिलती है, जिससे उनकी साहित्यिक परंपरा को निरंतरता मिलती है। भाजपा नेता डॉ. विवेक सिंह वर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “मनु शर्मा ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नौ रत्नों में से एक माने जाने वाले मनु शर्मा ने भारतीय साहित्य को एक नई दिशा दी।

“कार्यक्रम का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने कुशलता से किया। श्रद्धांजलि सभा में सलाहउद्दीन किदवई, सत्यवान वर्मा, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, वीरेंद्र प्रधान, अजय वर्मा बबलू, डॉ. कुलदीप सिंह, अशोक जायसवाल, के.पी. सिंह, सर्वेश कुमार सिंह, अजय शर्मा, विजय कुमार सिंह मुन्ना, भूपेंद्र सिंह बबलू, राजेश मौर्य, सोनू यादव, राघवेंद्र सिंह, बब्बू अरोड़ा, अनुपम सिंह राठौर, प्रधान सभाजीत सिंह, ओंकार सिंह, सभासद मनीष गौतम, शिवा शर्मा, शकील सिद्दीकी, ज्ञान सिंह यादव, सौरभ द्विवेदी, हसमत अली गुड्डू, अरविंद वर्मा, नीरज दुबे और बराती वर्मा जैसे सम्मानित नागरिकों ने स्व. मनु शर्मा के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किए।

मनु शर्मा स्मृति व्याख्यान ने एक बार फिर साबित किया कि उनके विचार और उनके योगदान साहित्य जगत में सदा अमर रहेंगे। यह आयोजन उनकी साहित्यिक परंपरा को संरक्षित रखने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रतीक बना।

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