नगराम टाइम्स ब्यूरो / दि लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया द्वारा संचालित टी.एल.एम. हॉस्पिटल, बाराबंकी में संस्था की 150वीं वर्षगांठ को बड़े हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.के. श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया, और ‘टी.एल.एम. स्मारिका‘ का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से समाज में कुष्ठ रोग के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करना और कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना था। इस पहल के जरिए इन व्यक्तियों को सामाजिक, आर्थिक, और मानसिक विकास के अवसर देकर समाज में सम्मानपूर्वक स्थापित करने का प्रयास किया गया।
टी.एल.एम. हॉस्पिटल के प्रशासनिक अधिकारी दिलीप बर्मन ने इस मौके पर दि लेप्रोसी मिशन की 150 वर्षों की गौरवशाली यात्रा का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि टी.एल.एम. हॉस्पिटल के 6 व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र हैं, जहां कुष्ठ रोग से प्रभावित छात्रों और उनके बच्चों को निशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे उनकी आजीविका का प्रबंध हो सके।
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अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.डी.के. श्रीवास्तव ने टी.एल.एम. हॉस्पिटल की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि दि लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया का यह अस्पताल विश्व में कुष्ठ रोग उपचार के लिए अपनी विशेष पहचान रखता है।
कार्यक्रम का संचालन साधना सिंह ने कुशलता से किया, और अंत में डॉक्टर तिमोथी मैक्सिमस ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र रहे स्वास्थ्य कर्मचारी मुमताज अहमद, जिन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के वेश में उपस्थित होकर कुष्ठ रोग के प्रति गांधी जी के विचारों को प्रस्तुत किया। मुमताज अहमद ने रोग के लक्षण, कारण, उपचार, और बचाव पर चर्चा करते हुए समाज में कुष्ठ रोगियों के प्रति दया, करुणा, और समानता का संदेश दिया, तथा इन्हें समाज में समान अधिकार और सम्मान दिलाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम ने समाज को कुष्ठ रोगियों के प्रति नई सोच और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी, जिससे इन्हें मुख्यधारा में जोड़कर सामाजिक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।