इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का 32वां स्थापना दिवस: सांस्कृतिक कार्यक्रम, मुशायरा और आईसीएआर मान्यता से सजी शाम

नगराम टाइम्स ब्यूरो / सैयद तकी

लखनऊ – इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ ने अपने 32वें स्थापना दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और ऑल इंडिया मुशायरे ने विशेष आकर्षण बिखेरा। विश्वविद्यालय की 32 वर्षों की उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए, इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित गणमान्य अतिथियों ने भी शिरकत की।

समारोह की शुरुआत स्वागत गीत से हुई, जिसमें छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और संस्थापक एवं कुलाधिपति प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि “जीवन में बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ईमानदारी और मेहनत की जरूरत होती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सफलता के लिए निरंतर परिश्रम और दृढ़ विश्वास आवश्यक है।

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विशेष अतिथियों की उपस्थितिइस समारोह में अनेक प्रतिष्ठित अतिथियों ने हिस्सा लिया, जिनमें पूर्व सचिव एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के फुरकान क़मर, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, पूर्व कुलपति अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय लेफ्टिनेंट जनरल ज़मीरुद्दीन शाह, और बाराबंकी लोकसभा से सांसद तनुज पुनिया प्रमुख रहे। सभी ने विश्वविद्यालय के शिक्षा क्षेत्र में योगदान की सराहना की।आईसीएआर मान्यता प्राप्त संस्थान इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IIAST) को भारत सरकार के कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) से आईसीएआर की मान्यता प्राप्त हुई है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर संस्थापक प्रो. वसीम अख्तर ने इसे गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि यह हमारे प्रयासों का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि इस मान्यता के माध्यम से हम कृषि शिक्षा को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प लेते हैं।

प्रेरणादायक विचारप्रो-कुलाधिपति डॉ. सैयद नदीम अख्तर ने इस मान्यता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे संस्थान की प्रतिष्ठा और उद्योग के प्रमुख साझेदारों के साथ संबंधों में मजबूती आएगी। कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने कहा कि “यह मान्यता हमें शिक्षा, शोध कार्य और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को और बेहतर बनाने की प्रेरणा देती है।” आईआईएएसटी के रजिस्ट्रार एवं निदेशक प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने भी इस सफलता पर शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को बधाई दी।

सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं मुशायरास्थापना दिवस के मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्रों ने नृत्य और संगीत से दर्शकों का मन मोह लिया। इसके पश्चात एक शानदार मुशायरे का आयोजन हुआ, जिसमें मशहूर शायर मंज़र भोपाली, उदय प्रताप सिंह, इक़बाल अशहर समेत अन्य शायरों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। मंसूर उस्मानी द्वारा संचालित इस मुशायरे में शायरों की बेहतरीन शायरी ने श्रोताओं को खूब सराहा।

इस अवसर पर प्रो. सैयद वसीम अख्तर के नेतृत्व में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपने सतत विकास और उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए भविष्य में उच्च शिक्षा और कृषि शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक पहुँचने का संकल्प लिया।

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