नगराम टाइम्स ब्यूरो
भारत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासी और भारत के राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की याद में बनी नेशनल कमेटी के पूर्व चेयरमैन तुरज ज़ैदी का मौजूदा तनावपूर्ण हालात के बीच ईरान और इराक का धार्मिक और सांस्कृतिक दौरा चर्चा का विषय बन गया है। इजराइल और ईरान, लेबनान, गाजा के संघर्ष के दौरान तुरज ज़ैदी की इस यात्रा का उद्देश्य न केवल जियारत करना है, बल्कि दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआ करना भी है।

कुम में मासूमाए कुम के रोजे पर जियारत के बाद इंटरनेशनल अफेयर्स विभाग ने उनका स्वागत किया और उन्हें तबर्रुकात का तोहफा भेंट किया गया। इस दौरान तुरज ज़ैदी ने कई उलेमा से मुलाकात की, जहां उन्होंने ईरान-भारत के सांस्कृतिक संबंधों पर गंभीर बातचीत की। तुरज ज़ैदी ने हिंदुस्तान में फारसी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए फारसी किताबों के हिंदी में प्रकाशन का प्रस्ताव भी रखा ताकि भारत में लोग ईरानी संस्कृति और विचारधारा से परिचित हो सकें।
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इसके बाद, तुरज ज़ैदी ने मशहद और तेहरान में धार्मिक स्थलों पर जियारत करने के पश्चात इराक के पवित्र स्थलों नजफ, करबला, सामरा, और काज़मैन की ओर प्रस्थान करेंगे। इन धार्मिक स्थलों पर वह उलेमा और स्थानीय धार्मिक नेताओं से मिलकर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विचार-विमर्श करेंगे। वह वहां की यूनिवर्सिटी और लाइब्रेरियों के प्रमुखों से मिलकर उनके प्रबंधन और शैक्षिक ढांचे के बारे में जानकारी भी लेंगे।

तुरज ज़ैदी का यह दौरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि भारत और मध्य पूर्व के बीच सांस्कृतिक पुल बनाने और शांति के संदेश को आगे बढ़ाने का प्रतीक भी है। भारत और ईरान के बीच संबंधों की गहराई को यह यात्रा और भी सुदृढ़ बनाती है।
भारत और ईरान के संबंधों की मजबूती का यह एक और प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान से भेंट हुई। इसके अलावा, मसूद पेज़ेश्कियान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में भारत की ओर से कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति रही, ईरान के हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए राष्ट्रपति अयातुल्लाह इब्राहीम रईसी के पुरसे में भारत के वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनखड़ का संदेश,और चाबहार समझौते के लिए जल मंत्री का ईरान दौरा कर एग्रीमेंट करना दोनों देशों की बढ़ती नजदीकियों को दर्शाता है।

यही नहीं, जब लखनऊ के सांसद और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पोते की तबीयत खराब हुई तो ईरान के मशहद में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रोज़े पर बनी शिफा की जाली में खासतौर पर उनकी सेहत के लिए दुआएं की गईं, जो दोनों देशों के आपसी स्नेह का प्रतीक है।
इस प्रकार, तुरज ज़ैदी की यह यात्रा न केवल धार्मिक जियारत है, बल्कि भारत और ईरान-इराक के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर भी है, जो अमन और शांति की कामना को लेकर आगे बढ़ रही है।